नमस्कार दोस्तों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जिसको हिंदी में हमलों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नाम से जानते हैं।
कृत्रिम कहने का मतलब मशीन के द्वारा यानी मशीनी बुद्धि एक तरीके से कह सकते हैं
हम इसको की मशीन के अंदर जो बुद्धि, बौद्धिक क्षमता होती है ! उसी को हम लोग कृत्रिम बुद्धिमता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम से जानते है।
इसको हम लोग देखेंगे।
अच्छे तरीके से क्या क्या इसके उदाहरण है? हम लोगों के दैनिक जीवन में कैसे इम्पैक्ट कर रहा है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आजकल इन सारे पहलुओं पर चर्चा करेंगे। सबसे पहले की क्या होता है ? आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स यहाँ पर मैंने पॉइंट वाइज करके लिखा हुआ है ! और आपको अच्छे तरीके से समझ में आये इसलिए मैंने इस तरीके से लिखा हुआ है ! पहले आप देख लीजिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है ! जो ऐसी मशीनों को विकसित कर रही है ! जो मनुष्य की तरह सोच सके यानी मनुष्य की तरह सोचके मनुष्य की तरह महसूस कर सकें।
और किसी भी चीज़ को अपने एनवायरनमेंट को भांप कर के उसके डेटा के का निष्कर्ष निकाल करके अपना आउटपुट देता है ! जैसे की आवाज को पहचानना। मशीन जो है ! आवाज को पहचान सकता है, जैसे इंसान पहचान लेता है ! समस्या को सुलझाना जैसे की आप लोग बहुत सारा गेम खेलते होंगे ! लूडो खेलते है, चेस खेलते हैं। इसमें समस्या क्या होती है ! ऑटोमैटिक सुलझ जाती है तो उसमें भी आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स काम कर रहा होता है ! कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी मशीनी बुद्धि काम कर रहा होता है ! लर्निंग और प्लानिंग प्लैन भी कर सकता है। मशीन जो है
सीखा सकता है और प्लैन भी कर सकता है ! ये सारे मशीन के गुन मशीनों के अंदर अगर गुण आते हैं तो वहीं आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स कॉल आता है ! अगला पॉइंट देख लेते हैं ! या मनुष्यों और जानवरों के द्वारा प्रदर्शित नैचुरल इन्टेलिजन्स के विपरीत मशीन के द्वारा प्रदर्शित इन्टेलिजेन्स है ! जहाँ पर एक तरफ जानवरों और मनुष्यों में आपको बुद्धि की जो क्षमता होती है ! वह और ये मशीन में बुद्धि की जो क्षमता होती है वो इन चीजों को दर्शाता है।
अगला पॉइंट देख लीजिए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से ऐसी मशीनें बन रही है जो अपने एनवायरनमेंट के साथ इंटरैक्ट करके प्राप्त डेटा पर खुद बुद्धिमानी से कार्य कर सकती है। यानी जो भी डेटा उसको मिलेगा उसपे अपना निर्णय ले सकती है। आइए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण को देख लेते हैं तो आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का सबसे प्रमुख उदाहरण आप लोग आप लोग देखे होयेगा, ऐप्पल, मोबाइल या एप्पल का आइपैड में आप लोग देखे हुए होगा उसमें हे श्री आप बोलेंगे हे श्री और उसके बाद जो भी बोलेंगे वो काम कर सकता है। कौन कौन काम कर सकता है?
वो मैसेज भेजने में सक्षम हैं। इंटरनेट पर सूचना ढूंढ सकता है। आप बोल सकते हैं हे श्री सर्च दा कुछ भी बोल सकते है की ये सर्च करो, वो करेगा सर्च करके तुरंत आपको उसका डेटा निकाल सकता है। पूरा ऐनैलिटिक्स निकाल सकता है, फ़ोन कॉल कर सकता है। कोई भी ऐप्स को ओपन कर सकता है। किसी भी ऐप्स को ऐप्लिकेशंस को अगर आप ऑन करना चाहते हैं, तब हैं श्री बोल करके उसे ऑन करा सकते हैं। इससे अगला पॉइंट है। इससे संबंधित डिवाइस एलेक्सा और गूगल असिस्टेंट भी है। आप लोग गूगल असिस्टेंट का भी उपयोग करते हुए
और उससे हैं। गूगल बोल करके काम हैलो कर सकते हैं। हैलो गूगल और उसके बाद वो काम करेगा भी। आप लोग देखे हुए एक डिवाइस है। ये अभी एक आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का उदाहरण है। फैसला कार है, जिसमें किस्से ड्राइवरलेस कार है और यह भी बिना ड्राइवर के चलेगा और इसमें काफी सारी सुविधाएं भी हैं और उनके आधार पर यह कार ऑटोमैटिक चलेगा। इस पर तो शुरुआती काम भी हो रहा है। धीरे धीरे काफी चीजें आगे निकल करके देखने को मिलेगा। इसके अलावा गूगल मैप
इस गूगल मैप पर भी आप कुछ भी चीजों को सर्च करते हैं। तुरंत सर्च करके आपकी आवाज को पहचान ता है और उसको सुनकरके और उसको समझ करके तुरंत आपको आउटपुट निकालता है और उसको सर्च करके तुरंत डेटा निकाल देता है। जो भी आप खोजना चाहते हैं उसको निकाल करके आपके सामने ला देता है तो गूगल मैप भी होता है। इसके इतिहास को बात करने तो फ्रेंड्स इतिहास की बात करें तो कब से शुरू हुई तो सन् 1950 के दशक में इसकी शुरुआत हुई है। आप लोग ध्यान में रखिएगा और उसके बाद से धीरे धीरे कुछ दिनों तक तो इस पर चर्चा नहीं हुई।
लेकिन अभी जो है फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन हुआ है, चौथी औद्योगिक क्रांति चल रही है। शुरुआत हो चुकी है चौथी औद्योगिक क्रांति की और इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रमुख भूमिका अदा करेगा। एक बात ध्यान में रखिएगा।
इसके निष्कर्ष में आप लोग क्या लिखियेगा कि आप लोग निष्कर्ष अपने तरीके से भी लिख सकते हैं। इसको जरूर पॉज़िटिव अप्रोच के साथ लिख सकते है की गूगल या क्या करता है कि इंसानों से अच्छे तरीके से काम कर सकता है। इंसानों में जहाँ पर गलतियाँ करते हैं, वहाँ पर एक गलती भी नहीं कर सकता है। इंसान बार बार जो गलती करता है वो तो सुधार करता है, लेकिन यह एक बार जो चीजें सीख लेता है
तो उसी को फॉलो करते रहता है। एक तरफ से देखा जाए तो आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स मानव श्रम के आधार पर सस्ता भी है। काफी सस्ते में बहुत सारे रोबोट बनाए गए हैं जो जो मानव के द्वारा जो काम किया जाता है और रोबोट भी कर सकता है तो जहाँ पर मानव अधिक पैसे ले सकते हैं वहाँ पर ये सस्ता पड़ेगा। लेकिन यहाँ पर बेरोजगारी के बीच समस्या पैदा हो सकती है। अगर आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को ज्यादा तरजीह दी जाए तो यहाँ पर अपने पॉज़िटिव अप्रोच के साथ निष्कर्ष अपने तरीके से लिख सकते हैं।