D.EL.ED कोर्स क्या है ?

हैलो फ्रेंड्स, टीचर बनना और बच्चों को बढ़ाना ज्यादातर लोगों का सपना होता है। आज भले ही इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य क्षेत्र में नौकरियों की अपार सम्भावनाएं हैं, लेकिन आज भी लाखों करोड़ों ये स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो एजुकेशन के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं और बच्चों को पढ़ाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं। अगर आप भी ऐसा ही सपना देख रहे हैं तो इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको बताएंगे कि डीएलएड के माध्यम से कैसे

टीचर बन सकते हैं और कैसे इसमें अपना करियर बना सकते हैं। तो टीचर बेसिकली तीन तरह के होते हैं। पहले तो वो जो प्राइमरी लेवल के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं और दूसरे वो जो मिडल लेवल के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं।

जो कि मिडल स्कूल में पढ़ाते हैं और तीसरे वो जो हाई स्कूल के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। लेकिन अगर आप प्राइमरी लेवल के टीचर बनकर बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं तो आपको का कोर्स करना होता है। इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइवेट से लेकर गवर्नमेंट जॉब तक पाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं

1.कोर्स क्या होता है?
2.क्वालिफिकेशन क्या चाहिए?
3.एज लिमिट कितनी होती है,
4.कोर्स की फी कितनी होती है,
5.कितने साल का कोर्स होता है,
6.एग्जाम पैटर्न क्या है?
7.नौकरी के लिए स्कोप क्या है?

तो दोस्तों अगर आप भी का कोर्स करके एजुकेशन के क्षेत्र में अपना कैरिअर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले जानते हैं

1.डीएलएड कोर्स क्या है?

तो टीचिंग सिर्फ एक नौकरी नहीं है, बल्कि एक ऐसे रिस्पॉन्सिबिलिटी है जो किसी भी देश का फ्यूचर तय करता है। यानी की एक टीचर के हाथों में देश का भविष्य होता है। यही वजह है कि हमारे देश में टीचर्स को एक अलग ही सम्मान दिया जाता है। बड़े स्टूडेंट को पढ़ाना तो फिर भी आसान है लेकिन छोटे छोटे बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल है। इसके लिए टीचर को ट्रेनिंग लेनी पड़ती है, जो की आपको डिलाइट के कोर्स के दौरान दिया जाता है। इस कोर्स को करने के दौरान आपको ये बताया जाता है कि छोटे छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाना है क्योंकि छोटे बच्चों की मेंटैलिटी बड़े स्टूडेंट से अलग होती है। उन्हें समझाना बहुत मुश्किल होता है।

और यही तमाम बातें किसी भी टीचर के लिए जानना जरूरी है। जो कि डीएलएड के कोर्स में सिखाया जाता है और ये 2 साल का कोर्स होता है।

2.अब जानते हैं क्वालिफिकेशन क्या चाहिए?

दोस्तों चुकी ये प्राइमरी लेवल के टीचर्स होते हैं, इसलिए इनके लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बात करें तो कैंडिडेट्स का 12 पास होना जरूरी है। जिनल कैंडिडेट्स के लिए ट्वेल्व्थ में 50% मार्क्स कंपलसरी है, लेकिन रिजर्वेशन कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिए 45% मार्क्स कंपलसरी है। उत्तर प्रदेश में डिलीट कोर्स के लिए ग्रैजुएट होना जरूरी है। ग्रैजुएशन में 50% मार्क्स होना चाहिए। दोस्तों, अगर आप इस योग्यता को पूरा करते हैं तो आप भी डीएलएड में ऐडमिशन ले सकते हैं। इसके बाद जानते है

3.AGE लिमिट कितनी है?

जैसा कि आपको पता है की हर एग्ज़ैम के लिए एज लिमिट तय की गयी है, ठीक उसी तरह से इसमें भी एज लिमिट तय है। उत्तर प्रदेश की स्टूडेंटस के लिए एज लिमिट की बात करो तो उनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए, लेकिन किसी किसी स्टेट में स्टूडेंटस की उम्र मिनिमम 17 वर्ष होनी चाहिए और मैक्सिमम एज की कोई बाध्यता नहीं है। आप किसी भी उम्र तक ये कोर्स कर सकते हैं, लेकिन ध्यान दीजिए कि आप जीस स्टेट में रहते हैं या किसी भी स्टेट से ये कोर्स करना चाहते हैं तो आप उस स्टेट के डीएलएड कोर्स का नोटिफिकेशन अच्छे से पढ़ लीजिए। उसके बाद ही फॉर्म अप्लाई कीजिए

4.अब जानते हैं कोर्स की फी कितनी होती है?

तो आप बात कर लेते हैं इस कोर्स को करने के लिए फी कितने लगती है? तो दोस्तों डीएलएड का कोर्स करने के लिए कोई भी फिक्स फी अभी तक निर्धारित नहीं की गई है। चुकी ये कोर्स प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों इन्स्टिट्यूट द्वारा करवाया जाता है। लिहाजा इसके लिए अलग अलग है। हालांकि प्राइवेट के मुकाबले सरकारी संस्था से इस कोर्स को करना काफी अफोर्डेबल होता है। वही गवर्नमेंट कॉलेज की फी की बात करूँ तो इसमें भी अलग अलग कॉलेज द्वारा अलग अलग फी ली जाती है। एक अनुमान के मुताबिक इसके लिए सरकारी कॉलेज में मिनिमम फी ₹10,000 तक हो सकती है, जबकि प्राइवेट कॉलेज में इसके लिए ₹40,000 तक की फी लेते हैं। इसके बाद जानते हैं

5.कोर्स ड्यूरेशन क्या है?

मतलब कितने साल का कोर्स होता है? दोस्तों का कोर्स 2 साल का होता है। किसी भी राज्य में आप इस कोर्स को करेंगे तो ये 2 साल का ही होता है। हालांकि इसका सेमेस्टर अलग अलग स्टेट में अलग अलग हो सकता है। जैसे अगर बिहार की बात करो तो यहाँ दो ऐन्युअल सेमेस्टर होते हैं। इसलिए यहाँ 2 साल में दो बार ही एग्ज़ैम होता है। जबकि उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहाँ चार सेमेस्टर होते हैं। यानी की

यहाँ हर छह महीने पर सेमेस्टर का एग्जाम होता है। मतलब आपको हर छह महीने पर एग्जाम देना होगा।

 

6.अब जानते है एग्जाम पैटर्न क्या है?

दोस्तों, डीलर के एग्जाम पैटर्न अलग अलग राज्यों में अलग अलग है। 12 के मेरिट के आधार पर सीधा काउंसलिंग होती है और ऐडमिशन मिल जाता है। कई राज्य ऐसे हैं जहाँ इसके लिए इंट्रेस्ट देना होता है। जैसे अगर यूपी की बात करें तो यहाँ आपको ग्रैजुएशन में मिले मार्क्स के आधार पर मेरिट बनाई जाती है और उसी के आधार पर आपको एडमिशन

मिलता है, जबकि बिहार में पहले एंट्रेंस टेस्ट देना होता है, लेकिन साल 2021 में कॉलेज को डायरेक्ट ऐडमिशन देने के लिए कहा गया था।

 

7.अब जानते हैं नौकरी के लिए क्या स्कोप है?

 

दोस्तों डीएलएड एक ऐसा कोर्स है जिसमें ऐसे बच्चों को पढ़ाई करवाने के बारे में सिखाया जाता है जिन्हें कुछ भी ज्ञान नहीं होता है। दरअसल बड़े बच्चों को तो आप अपने अनुसार हैंडल कर सकते हैं, थोड़ा बहुत ज़ोर जबरदस्ती भी कर सकते हैं। लेकिन छोटे बच्चों के साथ ऐसा नहीं है। उन्हें आप को उन्हीं की भाषा में

बढ़ाना होता है जिसमें वो आप से डरे नहीं बल्कि आपके साथ घुल मिल जाए। इसलिए करने वाले कैंडिडेट्स की मांग प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों सेक्टर में है। तो अगर आप भी नौकरी को लेकर टेंशन में है तो उसकी चिंता छोड़ दीजिए, क्योंकि डीएलएड करने के बाद आपको प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों ही क्षेत्र में जॉब की अपार सम्भावनाएं हैं।

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