1. Self study किसे कहते हैं ?
हैलो फ्रेंड्स आज हम जीस टॉपिक पर बात करने वाले हैं। वो हर स्टूडेंट्स के लिए बेहद जरूरी है। दोस्तों, अक्सर आपने सुना होगा कि कोई स्टूडेन्ट बिना कोचिंग गए खुद से घर पर पढ़ाई कर के एग्जाम में अच्छे नंबरों से पास हो गए तो इसे ही सेल्फ स्टडी कहते हैं। तो दोस्तों आज सेल्फ स्टडी की बात करेंगे और जानेगे की सेल्फ स्टडी कैसे करें और सेल्फ स्टडी किन किन तरीकों से कर सकते हैं? तो चलिए
2. Self study के लिए लक्ष्य
शुरू करते हैं अपने पहले टॉपिक के बारे में और जानते हैं सेल्फ स्टडी के लिए एक लक्ष्य बनाये दोस्तों हर स्टूडेंट का एक अहम होता है यानी की सपना होता है। कोई जिंदगी में डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर बनना चाहता है।
तो कोई सरकारी नौकरी करना चाहता है तो कोई बिज़नेस करना चाहता है। यानी की हर स्टूडेंट का कोई ना कोई लक्ष्य तो होता ही है इसलिए दोस्तों पूरी तरह से मन लगाकर तभी पढ़ाई कर पाएंगे जब आपकी आँखों के सामने आपका लक्ष्य होगा क्योंकि तब आपको इस बात की चिंता होगी कि आपको अपने लक्ष्य को पूरा करना है। इसलिए सेल्फ स्टडी करने का सबसे पहला नियम है कि अपने लक्ष्य को तय कर लें। इसके बाद जानते हैं पढ़ने के लिए रुटीन बनाएं दोस्तों जीवन में अगर आपने लक्ष्य को यानी की अपने गोल को अचीव करना है
तो जिंदगी में टाइमटेबल का होना बहुत ज़रूरी है। ठीक उसी तरह से अगर आपको भी सेल्फ स्टडी करना है तो आप अपने पढ़ाई का टाइम टेबल बना लें और सिर्फ टाइमटेबल नहीं बनाए बल्कि उसे फॉलो भी करें। क्योंकि अनुशासन ही एक छात्र को होनहार स्टूडेंट बनाता है और सक्सेस दिलाता है। इसलिए सेल्फ स्टडी का दूसरा मूल मंत्र ही होता है समय की पाबन्दी।
3.अब जानते हैं पढ़ाई के वक्त ध्यान न भटके
तो इसको सेल्फ स्टडी में सबसे ज्यादा जोड़ी होता है कि आप जीस वक्त आप पढ़ाई कर रहे होते हैं। उस वक्त ध्यान रहे कि आपका ध्यान पढ़ाई से भटके नहीं। मतलब पढ़ाई के समय ना तो मोबाइल पर आपका ध्यान हो, ना ही दूसरे काम पर, ना दोस्तों से मिलना, ना ही खाना खाना और ना ही खेलना। क्योंकि पढ़ाई अगर आपने कॉन्सन्ट्रेशन के साथ नहीं किया तो आपका ध्यान भटकेगा और आप सेल्फ स्टडी नहीं कर पाएंगे। तो ध्यान रहे कि सेल्फ स्टडी करते वक्त आपका ध्यान पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर हो। इसके बाद जानते हैं
4.सुबह सुबह पढ़ाई करने की कोशिश करें।
दोस्तों, शिक्षक भी स्टूडेंट्स को बताते हैं। ये सुबह सुबह अगर बच्चे पढ़ाई करते हैं तो ज्यादा समझ में आती है। इसलिए सेल्फ स्टडी के लिए सुबह का समय चुनें तो इसके पीछे वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन कहते हैं कि मॉर्निंग में पढ़ने का सबसे अच्छा टाइम होता है। इसलिए हर स्टूडेंट को सुबह में पढ़ाई करनी चाहिए और सेल्फ स्टडी के लिए सुबह पड़ने से अच्छा कोई दूसरा टाइम नहीं होता है। इसलिए कोशिश करें कि सुबह में पढ़ाई करे।
5.अब जानते हैं कॉन्सेप्ट को समझें
तो पढ़ाई सिर्फ नंबरों के लिए नहीं होता और नंबर भी तभी आता है।जब आप पढ़ाई को समझे इसलिए दोस्तों किसी भी सब्जेक्ट को रट्टा मारकर नहीं पड़े बल्कि उसके कॉन्सेप्ट को समझें, क्योंकि कई बार ऐसा होता है की स्टूडेंट सब्जेक्ट को रट्टा मारकर पढ़ लेते हैं, लेकिन जब एग्जाम देने जाते हैं तो सवाल को दूसरे तरह से पूछ लिया जाता है, जिसे देखकर कन्फ्यूज हो जाता है। लेकिन अगर कोई किसी सब्जेक्ट के कॉन्सेप्ट को समझ जाते हैं, उन्हें ये सवाल किसी भी तरीके से पूछे जाए, उसका जवाब देने में दिक्कत नहीं होती है। इसलिए हर सब्जेक्ट के कॉन्सेप्ट को जरूर समझें
6.अब जानते हैं रिविजन करें
तो उसको किसी भी सब्जेक्ट को पढ़ लेने के बाद जरूरी होता है की आप उस सब्जेक्ट का रिवीजन करें। ये जरूरी नहीं है की आप एक बार रिविजन करने पर ही आपको अच्छी तरह से समझ में आ जाए। अगर जरूरत पड़े तो दो बार या तीन बार या फिर जब तक आपको समझ में ना आ जाए
से पढ़े और फिर उसका रिविजन करे। ऐसा बार बार करने से आपका सब्जेक्ट अच्छी तरह से समझ में आएगा और याद भी रहेगा। इसलिए दोस्तों किसी भी सब्जेक्ट की पढ़ाई करने के बाद उसका रिविजन जरूर करें।
7.अब जानते हैं मॉक टेस्ट करें
तो उस तो मॉक टेस्ट सेल्फ स्टडी का सबसे अच्छा तरीका है। एक स्टूडेंट जो सेल्फ स्टडी करते हैं उनके लिए जरूरी है कि वो मॉक टेस्ट दें। जब भी किसी सब्जेक्ट की पढ़ाई पूरी हो जाए तो खुद से उसका टेस्ट दे और चेक करें कि कहाँ कहाँ गलती हुई है। इससे आपको यह अनुमान लग जाएगा कि आप कहाँ गलती कर रहे हैं।
उसे सुधारने में हेल्प मिले गी। इसलिए दोस्तों सेल्फ स्टडी करने के बाद आप खुद से खुद का मॉक टेस्ट जरूरतें हैं।